बिहार के नवादा से पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है. दरअसल, नवादा को जामताड़ा बनने से रोकने के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सुनवाई के दौरान वारिसलीगंज थाना पुलिस ने पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया.
नवादा को बिहार का जामताड़ा बनने से रोकने के लिए पुलिस ने सर्जिकल ऑपरेशन चलाया है. एसपी अंबरीश राहुल के निर्देश पर जिले के वारिसलीगंज थाना ने साइबर अपराधियों के खात्मे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक शुरू किया है. इस संबंध में वारिसलीगंज थाने के इंस्पेक्टर रूपेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो फिलहाल सघन टास्क ऑपरेशन चला रही है.
इसी क्रम में साइबर क्राइम का गढ़ कहे जाने वाले वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के कोचुगान इलाके में सघन अभियान चलाया गया और पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा: गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 8 मोबाइल फोन और 150 पन्नों की ग्राहक जानकारी मिली.
एसपी राहुल ने बताया कि 20 जून 2024 को वारिसलीगंज थाने को सूचना मिली कि कोचुगान गांव में कई साइबर अपराधी जुटे हैं. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर सभी अपराधियों की तलाशी ली तो पुलिस को देखते ही सभी अपराधी भाग गये.
पुलिस ने पीछा कर पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अन्य भागने में सफल रहे. उन्होंने कहा: जब वे गिरफ्तार अपराधियों को पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर रहे थे, तो उन्हें सूचना मिली कि कंदेह गांव के उत्तर में एक बगीचे में कुछ साइबर अपराधी निर्दोष लोगों को धोखा दे रहे हैं। खबर मिलने के बाद कंदेह गांव के एक बगीचे में छापेमारी की गयी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने अपने कबूलनामे में बताया है कि धनी फाइनेंस के नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाई गई थी. ग्राहक की जानकारी में उपलब्ध मोबाइल नंबर के मालिक को धनी फाइनेंस के नाम पर ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर कॉल करने का लालच दिया गया।
जब भी कोई ग्राहक उसके जाल में फंस जाता था तो वह आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासबुक की फोटोकॉपी, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, ईमेल आईडी आदि की मांग करता था। इन दस्तावेजों को हासिल करने के लिए वह व्हाट्सएप मैसेज भेजता था। इसके बाद क्लाइंट से एनओसी सर्टिफिकेट के तौर पर पैसों की मांग की जाती थी. एनओसी प्राप्त करने के बाद, उन्होंने ग्राहक को व्हाट्सएप के माध्यम से एक अनुमोदन पत्र भेजा और ऋण के नाम पर प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में पैसे की मांग की।
एसपी राहुल ने बताया कि गिरफ्तार सभी साइबर अपराधियों से धानी फाइनेंस के नाम पर लोन दिलाने के एवज में प्रोसेसिंग फीस के तौर पर एक हजार से दस हजार रुपये तक वसूले जाते थे. एसपी के मुताबिक ये लोग न सिर्फ राज्य बल्कि देश के दूसरे राज्यों के निवासियों को भी परेशान कर रहे थे.
गिरफ्तार अपराधियों में नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र के पलटपुर गांव निवासी अरुण प्रसाद का पुत्र उत्तम कुमार (20), कटौना गांव निवासी जगन्नाथ सिंह का पुत्र लक्ष्मण सिंह (40) और सज्जन कुमार (19) शामिल हैं. वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के लालपुर गांव निवासी सुधीर प्रसाद का पुत्र साजन कुमार (19), कांधा गांव निवासी बाबूलाल सिंह का पुत्र मुन्ना कुमार (29 ) और विजय सिंह का रौशन कुमार ( 20 ) शामिल हैं.